Stenography is the art and science of communication. In a way which hides the existence of the communication. Stenography comprises skills in Shorthand, Transcription and Typewriting. It is indispensable in business, profession, vocation and administration-wherever it is desirable to have a quick and verbatim record of the spoken words. The skill is being included in the curriculum as many students have the aptitude towards this particular area. Besides, its knowledge provides early employment opportunities. It is expected that the learners, after getting training in this field, will not face difficulty in getting suitable jobs.
Objectives
This course aims at enabling learners to:
1. Develop skills in Stenography (quick written communication).
2. Improve essential traits and behavior patterns e.g. Concentration, judgement, initiative cultivate vocational skills for gainful employment in steno typing.
Job Opportunities
Self-Employment: Taking up secretarial related work on contract form various offices, Opening small institute to impart training regarding Stenography.
Wage Employment: Stenographers, Office Assistants, Clerk in private sector as well as in Government sector on contact basis.
Duration of Course:
For Hindi Steno - 3 Months (Improve your shorthand speed in 1 month).
For English Steno - 5 Months (Improve your shorthand speed in 1 month).
At present special steno classes running for:
1. SSC Steno Examination 2017 Steno speed special batch.
2. New learning Steno batches for SSC Steno Examination Candidates.
3. Steno classes for Stenographer Examination in CRPF.
4. To achieve the speed of 80-120 WPM
5. To learn stenography Hindi/English in short time.
6. To learn typing Hindi/English in short time on computer.
For the student:
- The steno & typing classes functions all week throughout the year. (Expect Sunday).
- Timing daily 06:00 am to 09:15 am (Morning) and 6:15 pm to 09:00 pm (Evening).
- All the Shorthand students of the classes are allowed to attend as many classes as they can sit in steno classes without any additional fee.
- Individual attention is paid to the all students.
आशुलिपि लिखने की एक विधि है जिसमें सामान्य लेखन की अपेक्षा अधिक तीव्र गति से लिखा जा सकता है | इसमें छोटे प्रतीकों का उपयोग किया जाता है आशुलिपि मैं लिखने की क्रिया आशुलेखन कहलाती है स्टेनोग्राफी से आशय है तेज और संक्षिप्त लेखन | इसे हिंदी मैं शीघ्रलेखन या त्वरालेखन भी कहते है | लिखने और बोलने की गति मैं अंतर होता है | साधारण तौर पर जिस तरह से कुशल से कुशल व्यक्ति हाथ से लिखता है, उससे चौगुनी-पांचगुनी गति से वह सम्भाषण करता है | ऐसी स्थिति मैं वक्ता के भाषण अथवा संभाषण को लिपिबद्ध करने मैं विशेष रूप से कठिनाई उपस्थित हो जाती है | इसी कठिनाई को हल करने के लिये स्टेनोग्राफी के आविष्कार की आवश्यकता पड़ी|
आशुलिपि की बहुत सी पद्धतियां है | आशुलिपि के सभी तरीको में प्राय: प्रयुक्त होने वाले कुछ शब्दो एवं वाक्यांशों के लिए संकेत या लाघव निश्चित होते है जिनका समय समय पर प्रयास कर आसानी से उच्च गति में आशुलिपि को लिखा जा सकता है आशुलिपि का प्रयोग उस काल में बहुत होता था जब रिकॉर्डिंग मशीने या डिक्टेशन मशीने नहीं बनी थी| व्यक्तिगत सचिव तथा पत्रकारों आदि के लिए आशुलिपि का ज्ञान और प्रशिक्षण अनिवार्य माना जाता था | आशुलिपि को लिखने की कई प्रणाली प्रचलन में है - अंग्रेजी में पीटमैन मुख्यत: प्रचलित है तथा हिंदी में ऋषि प्रणाली, विशिष्ट प्रणाली, जैन प्रणाली, टंडन प्रणाली आदि है | वैसे हर लेखक की अपनी एक विशेष प्रणाली बन जाती है | वर्तमान समय में आशुलिपि सिखने में अंग्रेजी में पीटमैन एंव हिंदी में ऋषि प्रणाली अधिक प्रचलन में है| उक्त दोनों ही भाषाओं की आशुलिपि बहुत ही सरल है एंव इसे सीखने में छात्र को बहुत आसानी रहती है|
आज लगभग प्रत्येक सरकारी / अर्द्धसरकारी / स्वायत्तशाषी संस्थाओं / स्वपोषित संस्थाओं एंव निजी संस्थाओं में इसकी बड़ी महत्ता है | आज सभी क्षेत्रों में चाहे वह सरकारी हो अथवा निजी क्षेत्र हो, आशुलिपिक के पदों की रिक्तियां प्राय: निकलती रहती है | सरकारी कार्यालयों में प्रवेश करते ही सबसे पहले हमारी निगाह कंप्यूटर पर कार्य करते स्टेनोग्राफर / टाइपिस्ट पर पड़ती है | कंप्यूटर के चलते आशुलिपि का काम और भी आसान हो गया है मामूली प्रशिक्षण के बाद आज आशुलिपिक अपने काम को प्रथम प्रयास में ही काफी आसानी से और सही प्रकार से संपादित करने लगते है|
स्टेनोग्राफी के रूप में बेहतर कॅरियर बनाने के लिए छात्र का कम से कम सीनियर सेकंडरी की परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है | वहीं कई ऐसे संस्थान भी है जो स्नात्तक छात्रों को इस क्षेत्र में वरीयता प्रदान करते है | स्टेनोग्राफर बनने के इच्छुक लोगो को हिंदी एंव अंग्रेजी टाइपिंग का ज्ञान होना आवश्यक है | ऋषि प्रणाली से हिंदी आशुलिपि सीखने हेतु न्यूनतम समयावधि तीन से चार माह होती है जबकि पीटमैन प्रणाली से अंग्रेजी आशुलिपि सीखने हेतु न्यूनतम समयावधि छह से सात माह होती है परन्तु यहाँ यह तथ्य भी अति महत्वपूर्ण है कि इस समयावधि को और कम भी किया जा सकता है अथवा अधिक भी किया जा सकता है यह समयावधि प्रत्येक छात्र के आशुलिपि सीखने की इच्छाशक्ति एंव उसके द्वारा किये गये प्रयासों पर अधिक आश्रित होती है|
रोजगार की दृष्टि से इस क्षेत्र में असीम अवसर है | नगर निगम कार्यालयों, निचली अदालतों, उच्च न्यायालयों, एसएससी, राज्य लोक सेवा आयोग, विश्वविद्यालयों, स्वायत्तशाषी संस्थाओं / शासन सचिवालय / बैंकिंग आदि कई ऐसे क्षेत्र है, जिनमें स्टेनोग्राफरों की मांग लगातार बनी रहती है | सरकार की तरफ से विभिन्न मंत्रालयों के लिये समय समय पर स्टेनोग्राफर की रिक्तियां निकाली जाती रही है|
स्टेनोग्राफी में युवाओं के लिए अच्छा कॅरियर है | देश के कई राज्यों में आशुलिपि के वजूद को बचाए रखने हेतु कई आशुलिपि सीखाने वाले संस्थानों की स्थापना की गयी है ताकि अधिक से अधिक मात्रा में बेरोजगार व्यक्ति आशुलिपि को सीखकर सरकारी नौकरी प्राप्त कर सके साथ ही समय समय पर राज्य सरकारों द्वारा कई निजी संस्थानों को आशुलिपि सीखाने हेतु अधिकृत किया जाकर मान्यता प्रदान की जाती है एवं प्रमाण पत्र भी जारी किये जाते है|